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The author of "प्रकृति तथा योग की शरण" is "सेवक जगवानी.
श्री सेवक जगवानी का जन्म 30 मार्च, 1947 को बृजधाम श्री वृन्दाबन, जिला मथुरा (उत्तर प्रदेश) में हुआ। आपकी शिक्षा वृन्दाबन, भोपाल एवं विदिशा में हुई। सन् 1969 में आपने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से बी.ई. (सिविल) की डिग्री प्राप्त की। आप भारत सरकार, केन्द्रीय जल आयोग, आर. के. पुरम, नई दिल्ली से लगभग साढ़े छत्तीस वर्ष की शासकीय सेवा करने के पश्चात् निदेशक के पद से 31 मार्च, 2007 को सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के पश्चात् आपने अपना सम्पूर्ण जीवन सुप्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सक, महान संत, ब्रह्मलीन परमपूज्य श्री शेषाद्रि स्वामीनाथ जी की आज्ञानुसार मानव समाज सेवा में पूर्णतया समर्पित कर दिया है। प्राकृतिक चिकित्सा एवं योगाभ्यास पर आपकी वार्ता को अनेकों बार आकाशवाणी पर भी प्रसारित किया गया है। आप सभी से अनुरोध करते हैं कि अपनी आयु, स्वास्थ्य स्तर एवं क्षमता के अनुसार चिकित्सकीय परामर्श के साथ-साथ सात्त्विक शाकाहार, नियमित योगाभ्यास एवं व्यायाम द्वारा यथासम्भव शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्राकृतिक नियमों की अनुपालना करते हुए सदैव स्वस्थ, प्रसन्न, संतुष्ट एवं शान्तमय जीवन व्यतीत करें।
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